शेष बची हुई धोती या कपड़े को शरीर पर लपेटते हुए सिर को ढँक लेना चाहिए।
2.
अगर बाहर जाना ही पड़े तो सिर व गर्दन को तौलिए या अंगोछे से ढँक लेना चाहिए।
3.
अगर बाहर जाना ही पड़े तो सिर व गर्दन को तौलिए या अंगोछे से ढँक लेना चाहिए।
4.
जप करते समय दाहिने हाथ को जप माली में डाल लें अथवा कपड़े से ढँक लेना आवश्यक होता है।
5.
यह वह असत्य है, जो युग-युगांतरों से संचित अनुभव को उसी तरह ढँक लेना चाहता है, जैसे बादल का एक टुकड़ा सूर्य को ढँक लेता है।
6.
यह वह असत्य है, जो युग-युगान्तरों से संचित अनुभव को उसी तरह ढँक लेना चाहता है, जैसे बादल का एक टुकड़ा सूर्य को ढँक लेता है।
7.
जब निराशा का अंधेरा घिरने लगेगा और उग आएंगे दुखों के अभेद्य बीहड़ ऐसे में जब तुम्हारी करुणा का बादल ढँक लेना चाहेगा मुझे शीतल आँचल की तरह मैं लौटा दूंगा उसे कि मुझे सह लेने दो जो तुमने अब तक सहा है!
8.
यज्ञोपवीत धारण-इसी तरीके से यज्ञोपवीत जिन लोगों ने लिया है, उन यज्ञोपवीत लेने वालों को बायें हाथ पर यज्ञोपवीत रखना चाहिए और दाहिने हाथ से इसको ढँक लेना चाहिए और ये ध्यान करना चाहिए कि हम इसमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश, यज्ञ भगवान् और सूर्य नारायण, इन पाँच देवताओं का आवाहन कर रहे हैं और ये पाँच शक्तियाँ, पाँच तत्त्व जिनसे हमारा शरीर बना हुआ है, इन पाँच तत्त्वों की अधिनायक हैं।